Tuesday, March 24, 2020

माँ


जीवनदायिनी तुम
है जीवन का सार तुमसे
तुम हो अनंत
तुलना नही तुम्हारी किसी से
धरा सी तुम हो सहनशील
सबकी प्यास बुझाने वाला
जल हो शीतल
दुःख सहकर सुख बांटती
परिस्थिति हो चाहे जितनी विकल
सागर की गहराई जितना
गहरा होता माँ का प्यार
अपने बच्चों पर माँ तो बस
उसे लुटाती बार-बार ॥
..........Posted by Aruna

No comments:

Post a Comment