जीवन
बस एक उलझन है।
कोई सज्जन,कोई दुर्जन है।
जितना भोगना हो भोग लो,
यही अपना केवल धन है।।
कोई सज्जन,कोई दुर्जन है।
जितना भोगना हो भोग लो,
यही अपना केवल धन है।।
वहीं
खर्चेगा जो कमाएगा।
साथ में कुछ नहीं जाएगा।
कोई अन्य करेगा अय्यासी,
अपने हाथ क्या रह पाएगा।।
साथ में कुछ नहीं जाएगा।
कोई अन्य करेगा अय्यासी,
अपने हाथ क्या रह पाएगा।।
ये
दुनिया बड़ी हरामखोर है।
यहां कमानेवाला ही चोर है।
निठल्ले बैठे हुक्म चलाएं,
प्रतिभावान का नहीं दौर है।।
यहां कमानेवाला ही चोर है।
निठल्ले बैठे हुक्म चलाएं,
प्रतिभावान का नहीं दौर है।।
विश्वविद्यालय
बुद्धि छीन रहे।
बुद्धिमान बस कूड़ा बीन रहे।
न्यायालयों में अन्याय होता,
नेता,धर्मगुरु,अमीर तीन रहे।।
बुद्धिमान बस कूड़ा बीन रहे।
न्यायालयों में अन्याय होता,
नेता,धर्मगुरु,अमीर तीन रहे।।
प्रतिभावान
होना यहां पाप है।
लूटने में यहां हर कोई बाप है।
घुट-घुटकर मरना जीवन है बस,
मरणासन्न की शायद पदचाप है।।
लूटने में यहां हर कोई बाप है।
घुट-घुटकर मरना जीवन है बस,
मरणासन्न की शायद पदचाप है।।
प्रतिभावान होना यहां पाप है।
ReplyDeleteलूटने में यहां हर कोई बाप है।-बढिया!