Thursday, March 19, 2020

मेरी मुस्कान......


मेरी मुस्कान तो
तुम्हारे अधरों पर थी
खो गई जाने कहां
तुम्हारे जाने के बाद,
तुम्हारे चलने से
गति पाता मेरा
अनुरागी मन
कौन बांधे मेरे
उन्मुक्त विचारों को
अब तुम्हारे जाने के बाद
मेरे ह्रदय के स्पंदन में
धडकन तुम्हारी जुड जाती
गाती एक ही धुन
दो धडकने
कौन बजाये मीठी धुन
अब तुम्हारे जाने के बाद.........  
                  ........अरुणा

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