आज्या रेह रेह माट्टी देख ले...
हरियाणा म्हं आ जाईये,तनैं नर्क के दर्शन करा द्यूंगा!
हाहाकार हर दिशा माचरी, तनैं प्लास्टिक की घास चरा द्यूंगा!!
हल अर बैल गहगूम होगे,हाली पाली नामोनिशान नहीं!
धरती माता तैं बैर बांध लिया,कडै बी देसी गीहूं, बाजरा अर धान नहीं!
ज्ञान की गठडी बांधकै आज्या,तनैं कती झूठा ठहरा द्यूंगा!! 1
हाडतोड म्हनत करकै बी, गरीबी म्ह किसान मरण लागरे!
नेता,धर्मगुरु,कोरपोरेट घराने, लूट्टण खात्यर उसकै पाच्छै भागरे!
कदे बी आकै हकीकत देख ले,तनैं साच्चा ज्ञान खरा द्यूंगा!! 2
हिंदी अर हरियाणवी की जगहां पै,अंग्रेजी का लट्ठ घूम्मण लागर् या!
स्कूल कालज विश्वविद्यालय देख ले, हर कोये गुलामी नैं चूम्मण लागर् या!
किसै बी दफ्तर म्ह आज्या,अंग्रेजी का लहरा सुणा द्यूंगा!! 3
अन्याय के विरोध म्हं लडनियां,धरणे होरे किसान मजदूर के!
उस अन्नदाता नैं देशद्रोही कहते,स्यर खूनमखून्नां मजबूर के!
अंधभक्ति नैं छोडकै आज्या,त्यरे रुम रुम नैं थर्रा द्यूंगा!! 4
सनातन भारतीय ज्ञान ध्यान की,माट्टी पलीत घणी होरी सै!
छोटी ,बड्डी ,पहलवान सुण ले, नेतां तैं दुखी आडै हरेक छोरी सै!
जंतर मंतर चाए चंडीगढ़ आज्या,रोती ब्यलखती छोरियां के ब्यान सुणा द्यूंगा!! 5.
छोटी सरकार सरपंचां की,आबरू माट्टी म्हं म्यलण लाग री!
धन,दौलत अर म्हनत सारी,नेताओं नैं सारी खा ग्यरी!
आंक्ख्यां पै चढी जै पट्टी तारै,सबूतां का झोला भरा द्यूंगा!! 6
बेरोजगारां की आडै फौज देख ले,सारे कै कोहराम माचर् या!
थोड़ी बी बुद्धि जिसकै बचरी,वोए या सच्चाई बाचर् या!
अंधभक्त वेद की बी ना मान्नै,जै चाहवै साफ
द्यमाक करा त्यरा द्यूंगा!!7
कितै बी खुशहाली ना दीखती,सब कोए परेशान होर् या सै!
फार्म भर दिया टैस्ट पाड दिया,छोरे छोरियां का सब्र खोर् या सै!
फेर बी बडाई के गीत ज गावै,बंदबुद्धि नैं जरूर सहरा द्यूंगा!! 8
आचार्य शीलक राम
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