जीवनदायिनी तुम
है जीवन का सार तुमसे
तुम हो अनंत
तुलना नही तुम्हारी किसी से
धरा सी तुम हो सहनशील
सबकी प्यास बुझाने वाला
जल हो शीतल
दुःख सहकर सुख बांटती
परिस्थिति हो चाहे जितनी विकल
सागर की गहराई जितना
गहरा होता माँ का प्यार
अपने बच्चों पर माँ तो बस
उसे लुटाती बार-बार ॥
..........Posted by Aruna