खुद से करो दोस्ती
संवाद टूट चुका है!
संबंध छूट चुका है!
यही हकीकत जिंदगी,
भांडा फूट चुका है!!1
अनेक समस्या ऐसी!
कही नहीं जायें कैसी!
भीतर ही घूमती रहती हैं,
बड़ी हिमालय जैसी!!2
मतलब नहीं कहने का!
मजबूरी में सहने का!
जिंदगी नरक भी स्वर्ग भी,
ढंग सीख लो सहने का!!3
बैठकर एक कोने में!
फायदा बहुत रोने में!
कहोगे तो उपहास करेंगे,
सीख लो इसी तरह होने में!!4
आंसू बहुत कुछ कहते!
दुख में अविरल बहते!
इनकी पीड़ा न कोई समझे,
किस दुख-सागर में रहते!!5
खुद का खुद से नाता!
न कोई किसी को भाता!
करो सर्वप्रथम खुद से दोस्ती,
मुसीबत में न ब्याहा-ब्याहता!!6
आचार्य शीलक राम
वैदिक योगशाला
कुरुक्षेत्र
"क्रांतिकारी विचारक, लेखक, कवि, आलोचक, संपादक" हरियाणा की प्रसिद्ध दार्शनिक, साहित्यिक, धार्मिक, राष्ट्रवादी, हिन्दी के प्रचार-प्रसार को समर्पित संस्था आचार्य अकादमी चुलियाणा, रोहतक (हरियाणा) का संचालन तथा साथ-साथ कई शोध पत्रिकाओं का प्रकाशन। मेरी अब तक धर्म, दर्शन, सनातन संस्कृति पर पचास से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। आचार्य शीलक राम पता: आचार्य अकादमी चुलियाणा, रोहतक हरियाणा वैदिक योगशाला कुरुक्षेत्र, हरियाणा ईमेल : shilakram9@gmail.com
Thursday, September 19, 2024
खुद से करो दोस्ती (make friends with yourself)
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बढ़िया
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