राष्ट्र हित , संस्कृति हित व धर्म हित के लिए हमारे यहां हिंदुओं में निस्वार्थ भाव से लोगों के बीच में जाकर उन्हेंं भलि तरह से समझाने वाले कार्यकर्ता कितने हैं?,,,
दो कौड़ी के नेताओं के आगे पीछे पूंछ हिलाकर हिंदू विरोध,हिंदी विरोध व हिंदुत्व विरोध में काम करने वाले धर्मगुरु, संत,मुनि,योगी,सुधारक,कथाकार हमारे यहां हजारों की संख्या में हैं,,,
हिन्दू धर्मगुरु ,संत,मुनि,योगी,व सुधारक अपना कर्त्तव्य नहीं निभा रहे हैं,,,
जनसामान्य को किसी भी दिशा में मोडा जा सकता है लेकिन कोई उन्हें ऐसा करने वाले तो हों,,,
ईसाईयों व मुसलमानों में ऐसे कार्यकर्ता बहुतायत से हैं,,, हमारे यहां तो धर्मगुरु,सुधारक व संत लोग भी हिंदुओं का अधिकांश में नेताओं द्वारा शोषण करवाने पर लगे हैं या फिर स्वयं के मत,पंथ, विचार को आगे बढ़ाकर दौलत जोड़ने में लगे हुए हैं,,, हमें इसमें सुधार की अत्यधिक जरुरत है,,,
हमारे यहां तो अब हालत ऐसी हो गई है कि हिंदू, हिंदी, हिंदुत्व की सही में आवाज उठाने वाला व्यक्ति इस समय सर्वाधिक प्रताड़ित, गालियां खाने वाला व उपेक्षित है,,, हिंदू ही हिंदू को हिंदू हित में आवाज उठाने से रोक रहे हैं,,,।
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