Tuesday, August 18, 2020

महर्षि पंतजलि का योग

          महर्षि पतंजलि के योगशास्त्र को प्रयोगात्मक रुप से जनसामान्य को समझाने वाले व्यक्ति हमारे यहां उंगलियों पर गिनने योग्य हैं,,, अधिकांश योगाचार्य व योगाभ्यास करवाने वाले लोग या तो आसन प्राणायाम को ही योग कहकर प्रचारित कर रहे हैं या फिर योग के अन्य अंगों की मनमानी व बे-सिर-पैर की व्याख्याएं करके लोगों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं,,, इनके पास मूढ चेलों व नेताओं की ताकत इतनी है कि सीधे सीधे इन्हें चुनौती देना खतरे से खाली नहीं है,,,देख नहीं रहे कि भारत में कितने भगवान,संत,मुनि,कथाकार,स्वामी,योगी,मां,गीता मनीषी, गुरु, सदगुरु,तत्वज्ञानी आदि पैदा हो गये हैं,,,।


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