जाग
हिंदू -मत भाग हिंदू
यदि दुनिया में तुझे रहना है!!
मार हिंदू - मत हार हिंदू
यदि दुनिया को कुछ कहना है!!
हमला कर हिंदु -जलाकर हिंदू
चरैवेति चरैवेति यहां बहना है!!
कुछ कर हिंदू -डर मत हिंदू
कायरता जुल्म को सहना है!!
आक्रामक हिंदू -झुक मत हिंदू
किला दुशमन का ढहना है!!
अपना जो हिंदू- खपना वहां हिंदू
गहरी मार से विरोधी गह ना है!!
मिट जा हिंदू -डट जा हिंदू
गद्दारों से जरुर तुझे खहना है!!
मारकर हिंदू -उद्धार कर हिंदू
मारकर ही उत्तर तुझे कहना है!!
हिंसा भी हिंदू -अहिंसा भी हिंदू
कपटी दुश्मन की कोई तह ना है!!
करुणा उनके साथ -जो बढाएं प्रेम हाथ
देशद्रोहियों को रावण मान दहना है!!
याद कर रुद्र -ब्राहमण से शूद्र
सब हेतु दुश्मनों से जा फहना है!!
यह जान हिंदू -तू ब्रह्म बिंदू
समस्त धरा पर तुझ हेतु ' डर' ना है!!
शिव व राम कीऔलाद- तू बना फौलाद
दशों दिशाओं में तुम्हें कोई भय ना है!!
अब छोड शील को -कर दूर भारत शूल को
इस जगत में सिर उठा तुझे अब रहना है!!
यदि दुनिया में तुझे रहना है!!
मार हिंदू - मत हार हिंदू
यदि दुनिया को कुछ कहना है!!
हमला कर हिंदु -जलाकर हिंदू
चरैवेति चरैवेति यहां बहना है!!
कुछ कर हिंदू -डर मत हिंदू
कायरता जुल्म को सहना है!!
आक्रामक हिंदू -झुक मत हिंदू
किला दुशमन का ढहना है!!
अपना जो हिंदू- खपना वहां हिंदू
गहरी मार से विरोधी गह ना है!!
मिट जा हिंदू -डट जा हिंदू
गद्दारों से जरुर तुझे खहना है!!
मारकर हिंदू -उद्धार कर हिंदू
मारकर ही उत्तर तुझे कहना है!!
हिंसा भी हिंदू -अहिंसा भी हिंदू
कपटी दुश्मन की कोई तह ना है!!
करुणा उनके साथ -जो बढाएं प्रेम हाथ
देशद्रोहियों को रावण मान दहना है!!
याद कर रुद्र -ब्राहमण से शूद्र
सब हेतु दुश्मनों से जा फहना है!!
यह जान हिंदू -तू ब्रह्म बिंदू
समस्त धरा पर तुझ हेतु ' डर' ना है!!
शिव व राम कीऔलाद- तू बना फौलाद
दशों दिशाओं में तुम्हें कोई भय ना है!!
अब छोड शील को -कर दूर भारत शूल को
इस जगत में सिर उठा तुझे अब रहना है!!
-आचार्य शीलक राम
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