Friday, December 27, 2024

यही जिंदगी है

 

कभी फायदा, कभी नुकसान!

कोई चला गया, कोई मेहमान!

खुद समझना यही जिंदगी है!!1

कभी बेहोशी,कभी ध्यान में!

कोई सम्मान में, कोई अपमान में!

यह जग मेला यही जिंदगी है!2

कभी गिरना, कभी उठ जाना!

दुनिया का व्यवहार मनमाना!

मानो या न मानो यही जिंदगी है!!3

  कोई राग, न कोई विराग!

जिसने समझा,वही बडभाग!

वास्तविक यही जिंदगी है!!4

न कोई पराया, न कोई अपना!

यह संसार सुनो बस एक सपना!

हकीकत में यही जिंदगी है!!5

न कहीं आना,न कहीं जाना!

  समझना,   समझाना!

सुनो  बस  यही  जिंदगी है!!6

कभी सर्दी और कभी गर्मी है!

कभी आदर और कभी बेशर्मी है!

न किसी से आशा यही जिंदगी है!!7

कभी जीवन और कभी मरना है!

कभी बिगडना कभी सुधरना है!

करो  सामना  यही  जिंदगी है!!8

......

आचार्य शीलक राम

वैदिक योगशाला

कुरुक्षेत्र

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